G20 2023 में भारत की भूमिका
G20 का अध्यक्ष बना भारत अपनी पूरी शक्ति से विश्व के प्रमुख 20 देशों का नेतृत्व कर रहा हैं। यह प्रत्येक भारतवासी के लिए बहुत बड़ा अवसर साबित होगा। दरअसल, विशेषज्ञों द्वारा वैश्विक देशों के इस बड़े समूह की अध्यक्षता करने के कई मायने समझे जा रहे हैं। सीधे शब्दों में कहा जाये तो यह वैश्विक मंच भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाने की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि 'न्यू इंडिया' अब तेज़ी से आकार ले रहा हैं।
सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी की सीनियर फेलो और वरिष्ठ शोधकर्ता सुदेष्णा मैती ने इस विषय पर प्रकाश डाला है-
G20, या ग्रूप ऑफ़ 20, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है। इसमें 19 देश और यूरोपी संघ शामिल हैं, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 90% और दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। G20 शिखर सम्मलेन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, और 2023 में, भारत पहली बार G20 शिखर सम्मलेन की मेज़बान बना है।
G20 2023 में भारत की भूमिका
2023 में G20 शिखर सम्मलेन के मेज़बान के रूप में, बैठक के अजेंडे और परिणाम को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहाँ कुछ ऐसे क्षेत्र है जहाँ भारत के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है-
जलवायु परिवर्तन और सतत विकास
भारत ग्रीनहॉउस गैसों के दुनिया के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है, और देश ने अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए है। G20 शिखर सम्मलेन के मेज़बान के रूप में, भारत से जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर चर्चा का नेतृत्व करने की जो उम्मीद विश्व ने रखी, भारत उस पर खड़ा उतरा है। भारत का ध्यान विकासशील देशों को उनके जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए विकसित देशों की आवश्यकता पर केंद्रित करने पर है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी
भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख खिलाड़ी है, और देश का प्रौद्योगिकी क्षेत्र हाल के वर्षों में तेज़ी से बढ़ रहा है। G20 शिखर सम्मलेन के मेज़बान के रूप में, भारत से प्रद्योगिकी और डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सदस्य देशों के बीच अधिक सहयोग पर ज़ोर देने की उम्मीद है। भारत ने डाटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया है।
वित्तीय विनियमन और आर्थिक विकास
भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और देश ने विकास को बढ़ावा देने के लिए हाल के वर्षों में आर्थिक सुधारों की एक श्रंखला लागू की है। भारत वित्तीय विनियमन के क्षेत्र में सदस्य देशों के बीच अधिक समन्वय के लिए ज़ोर दे रहा है और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उपायों की मांग को सशक्त कर रहा है।
2023 में G20 शिखर सम्मलेन में भारत की भूमिका बैठक के एजेंडे और परिणाम को आकार देने में महत्वपूर्ण रही है। भारत से जलवायु परिवर्तन और सतत विकास, डिजिटल अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी, वित्तीय विनियमन और आर्थिक विकास, और स्वास्थ्य और महामारी प्रतिक्रिया पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। इन क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व दुनिया के लिए एक समावेशी, लचीला और टिकाऊ भविष्य बनाने में महत्त्वपूर्ण होगा।
डिस्क्लेमर:
ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।
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