25 जनवरी: राष्ट्रीय मतदाता दिवस
आज है मतदाता दिवस, ‘भारत भाग्य विधाता’ दिवस:
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा मतदाताओं की संख्या वाला देश है। इस लिहाज से आज का दिन भारत के लिए अति महत्वपूर्ण है। क्यों कि आज है मतदाता दिवस। इस बार का मतदाता दिवस इस लिए बेहद खास है क्यों कि देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की अधिसूचना जारी हो रखी है। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में तो पहले चरण के नामांकन भी पूरे हो चुके है। नए कोरोना नियमों की वजह से इस बार रैलियों पर पाबंदी है। इस लिए बड़े-बड़े नेता मतदाताओं के द्वारे-द्वारे पहुंच कर मतदान की अपील कर रहे है।
मतदाता दिवस की शुरुआत: भारतीय संविधान के मुताबिक, मतदाता ही भारतीय लोकतंत्र का असली मालिक है। मतदाता ही सरकार को चुनता है। चुनाव आयोग के 61वें स्थापना दिवस पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस का शुभारंभ किया था। भारत निर्वाचन आयोग पूरे देश में इस बार अपना 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है।
25 जनवरी को ही क्यों चुना गया: चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी। चुनाव आयोग का स्थापना दिवस हर साल भारत में नेशनल वोटर डे मनाया जाता है। इस दिन चुनाव आयोग हर साल वोटरों को वोट के प्रति जागरूक बनाने के लिए 18 साल के हो चुके युवाओं की पहचान कर पहचान पत्र सौंप कर वोट (vote) देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
कैसे मनाते है नेशनल वोटर डे: मतदाता दिवस के दिन देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में 18 साल के उम्र के वोटरों की पहचान की जाती है। पात्र मतदाताओं में 18 साल के हो चुके युवा शामिल किए जाते हैं। इन वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करके उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाते हैं। हर साल मतदाता दिवस के दिन वोटरों को मतदान करने की शपथ भी दिलाई जाती है ताकि वह एक नागरिक के तौर पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक रहें।
मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य: विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया था। बता दें कि भारत में वोटिंग के लिए 18 साल की आयु सीमा निर्धारित है। 18 साल को होने पर व्यक्ति को वोट डालने का अधिकार मिल जाता है। लोकतांत्रिक देश के नागरिकों को उनके कर्तव्य को याद दिलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
पांच राज्यों के नए मतदाताओं के लिए ये दिन और भी खास: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों का शंखनाद हो गया है। इन पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में कुल 18.34 करोड़ वोटर हिस्सा लेंगे। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस बार 24.9 लाख मतदाता ऐसे होंगे जो पहली बार वोट डालेंगे। इस चुनाव में कुल 18.34 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे, जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। जबकि 24.9 लाख मतदाता पहली बार पंजीकृत हुए हैं। चुनाव आयोग ने हर विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के लिए कम से एक मतदान केंद्र बनाया जाएगा जिसका संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि पांच राज्यों में कुल 690 विधानसभा सीटें हैं, इनमें से हम 1620 महिला मतदान केंद्र स्थापित करेंगे।
डिस्क्लेमर:
ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।
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