द लॉ
कानून पथभ्रष्ट हो गया है! कानून – और, इससे संबंधित राष्ट्र की समस्त शक्तियां सामूहिक रूप से न केवल अपने वास्तविक मार्ग से विचलित हो गयी हैं बल्कि मैं तो कहूंगा कि वे सर्वथा विपरीत मार्ग पर बढ़ रही हैं! लोभ व लोलुपता की राह में रुकावट बनने की बजाए आज कानून समस्त प्रकार के लोभ की पूर्ति का उपकरण बन गया है! जिन अनैतिक व गैर कानूनी गतिविधियों को दंडित करना कानून का मूल उद्देश्य था वही कानून आज उन्हीं गतिविधियों का कसूरवार है! वास्तव में यदि ऐसा है, तो यह अत्यंत गंभीर विषय है और इस बाबत सभी साथी नागरिकों को आगाह करने के प्रति मैं बाध्य हूं।
लेखक:
फ्रेडरिक बास्तियात
प्रकाशक:
सेंटर फॉर सिविल सोसायटी
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the-law-jan hindi.pdf | 2.13 MB |
डिस्क्लेमर:
ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।
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